दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस में मिले अपमान के घुट को उतार नहीं पाई मुम्बई पुलिस एम्स की फोरेंसिक रिपोर्ट सामने आने के बाद लगातार एक्शन मोड में नज़र आ र ही है। हाल ही दिनों में 80 हजार फैक अकॉउंट का खुलासा हो या अब फैक टीआरपी वाला मामला मुम्बई पुलिस कमर कसते हुए नज़र आ रही है। दरअसल गुरुवार के दिन मुम्बई पुलिस ने फैक टीआरपी का भांडा फोड़ करने का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि रिपब्लिक टीवी और इनके साथ अन्य 3 और टीवी चैनल टीआरपी की धांधली में शामिल है। साथ ही उन्होंने इस मामले में कार्यवाही करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
मुम्बई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि फैक टीआरपी की धांधली करके पुलिस के खिलाफ प्रोपगेंडा चलाया जा रहा था। जब मुम्बई पुलिस को यह सूचना मिली तो क्राइम ब्रांच ने मामले को अपने हाथों में लिया और कार्यवाही की जिसमें फैक टीआरपी के एक नए रैकेट का भांडाफोड़ हुआ है।
Unlike the Kangaroo Court he runs, I believe Arnab Goswami deserves a fair trial and the Mumbai Police needs to prove these charges in a court of law not in a press conference. The weight of evidence is what matters most. Your view or bias doesn’t matter. What matters is proof.
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) October 8, 2020
वहीं इन सब खुलासों ओर रिपब्लिक चैनल की तरफ से भी एक प्रेस रिलीस ज़ारी की गई है। जिसमें लिखा गया है कि मुम्बई पुलिस झूठे आरोप उन ओर लगा रही है क्योंकि उन्होंने सुशांत केस में तीखी सवाल उनसे पूछे थे। चैनल के अनुसार यह पूरी तरह बदले की कार्यवाही है और हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। वहीं चैनल ने कहा है कि वो मुम्बई पुलिस आयुक्त पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी दायर करने वाला है। चैनल का कहना है कि सच क्या है वो पूरे देश वासियों को पता है, सुशांत मामले में या तो मुम्बई पुलिस माफी मांगे या कोर्ट में हमारा सामना करे।
#RepublicFightsBack after being targeted by the Mumbai Police; Tune in to watch Arnab Goswami #LIVE here – https://t.co/rGQJsiKgt2 pic.twitter.com/AgXb8FUa35
— Republic (@republic) October 8, 2020
पुलिस कमिश्नर के अनुसार करीब 30 से 40 करोड़ के विज्ञापन टीवी इंडस्ट्री में आते हैं जिनके रेट टीआरपी के द्वारा तय किये जाते हैं। इसकी निगरानी के लिए एक संस्था भी काम करती है जिसका नाम BARC है। पुलिस के अनुसार हंसा नाम की कंपनी के कुछ कर्मचारी इस डेटा की छेड़छाड़ में संलिप्त पाए गए। अभी तक हमने पूरे मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।