सुशांत सिंह राजपूत केस में अब तक कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसमें उनकी प्रमिका रिया, रिया का भाई शौविक और हाउस मैनेजर मिरांडा के नाम शामिल है। मगर इन गिरफ्तारीयों के बाद भी यह मामला शांत होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। दरअसल सूत्रों द्वारा आ रही खबर कर अनुसार परिवर्तन निर्देशालय यानी की ED अब एक और मामला दर्ज करने की योजना बना रहा है। बता दें यह नया मामला नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की जांच से सामने आई नई थ्योरी पर आधारित है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग वाले मामले में दर्ज केस को NDPS टेकओवर करने जा रहा है। इसके बाद PMLA एक्ट के तहत इस पर कार्यवाही की जाने वाली है। ED के वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया सूत्रों से बात करते हुए यह बताया कि फिलहाल डिपार्टमेंट इस पूरे मामले में कानूनी सलाह ले रहा है। इसके बाद ही इस पूरे मामले को क्रियान्वित किया जाएगा। इसके तहत आरोपी पर कार्यवाही करते हुए उनकी अवैध संपत्तियों को विभाग अटैच कर सकता है।
Rhea Chakraborty's Lawyer: Hearing in the bail applications of Rhea & her brother to be held on Sept 10#RheaChakroborty #RheaArrested #SushantSinghRajput pic.twitter.com/yWaRanqwVG
— ET NOW (@ETNOWlive) September 9, 2020
गौरतलब है कि इस पूरे मामले को पहले ED देख रही थी। यह मामला सुशांत सिंह की संदिग्ध मौत में पैसों की भूमिका को देखना था। दरअसल विभाग अपनी तफ्तीश में इस बात को ढूंढना चाहता था की कहीं सुशांत सिंह राजपूत की हत्या या आत्महत्या कहीं मनी लॉन्ड्रिंग से तो जुड़ी हुई नहीं है। इसी केस की तहकीकात में जांच टीम सैमुअल मिरांडा और शौविक तक पहुंची। इनकी व्हाट्सएप चैट और ड्रग डिलर से इनके संबंधों ने इस केस में नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की एंट्री करवा दी। इस पर NCB ने जांच करते हुए रिया सहित 10 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।
#WarriorsRoar4SSR #RheaChakroborty#naughtybollywood
They are worried if their names are in those 25 names taken by Rhea pic.twitter.com/UaBfWuO8wZ— Mogli (@ImMawgli) September 10, 2020
अब कयास लगाए जा रहे हैं कि नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की तहकीकात में ऐसे कई मुद्दे सामने आए हैं जिस पर परिवर्तन निदेशालय संज्ञान ले सकता है। दरअसल विभाग अब इस बात की जांच कर रहा है कि NDPS एक्ट के तहत इस पूरे मामले में किस तरह मनी लॉन्ड्री हुई। इसके साथ ही आरोपियों की भूमिका का भी विश्लेषण किया जाएगा, इसके बाद आरोपियों पर कार्यवाही करते हुए उनकी अवैध संपत्ति कुर्क की जा सकती है।