काला हिरण मामले में सलमान खान के पक्ष में आया हाईकोर्ट का यह फैसला, जोधपुर कोर्ट से मांगा जवाब
हाईकोर्ट की तरफ से सलमान खान को एक बड़ी राहत मिलती हुई नजर आ रही है। दरअसल काला हिरण मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में सलमान खान की तरफ से मामले की स्थान्तरण याचिका दायर की गई थी। जिस पर फैसला लेते हुए कोर्ट ने जोधपुर सेशन एवं जिला कोर्ट को एक नोटिस जारी करते हुए तीनो मामलों को स्थगित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही संबंधित लोगों को जवाब देने को भी कहा है।
Jodhpur trial court has sentenced Salman Khan to 5 years in prison for killing two rare animal called blackbucks (Kala Hiran).
Salman Khan has sent to prison now.#SalmanConvicted#SalmanKhan#SalmanKhanConvicted#BollywoodEntertainment10#AllaboutBtwon pic.twitter.com/5WrWdxkhos— Bollywood Entertainment (@AllaboutBtown) April 5, 2018
इसलिए मामले को स्थान्तरण किया गया
इस दौरान सलमान की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने उच्च अदालत के सामने पक्ष रखते हुए स्थान्तरण याचिका पेश की थी। गौरतलब है कि मामले को पिछली बार भी सुनवाई के लिए कोर्ट के समक्ष रखा गया था मगर न्यायाधीश विजय विश्नोई की बैंच ने उपरोक्त मामले को सुनने से ही इनकार कर दिया और इसे दूसरी बैंच के पास भेज दिया। बाद में शुक्रवार के रोज़ इस याचिका को न्यायाधीश मनोज गर्ग के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान सलमान का पक्ष रखने के लिए विक्रम चौधरी व हस्तीमल सारस्वत कोर्ट में उपस्थित थे। हस्तीमल सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि सलमान खान पर काला हिरण मामले में जो तीन अपील विचाराधीन है उनका संबंध एक ही मामले से है। अतः इन मामलों को स्थानांतरित कर देना चाहिए।
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सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार की ओर से भी राजस्थान उच्च न्यायालय में सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्र एवं दुष्यन्त सिंह के खिलाफ पहले से ही मामला विचाराधीन हैं। वहीं जब काला हिरण मामले में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई जा चुकी है एवं बाकी को दोष मुक्त कर दिया गया था। ऐसे में जब पहले ही सरकार की ओर से अपील उच्च न्यायालय में पेश कर दी गई है, तो सलमान से जुड़ी सभी अपीलों पर राजस्थान उच्च न्यायालय में ही सुना जाना चाहिए।
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न्यायाधीश गर्ग ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई में नोटिस जारी करते हुए संबंधित लोगों से जवाब तलब किया है। राज्यसरकार की तरफ से कोर्ट में उपस्थित अधिवक्ता फरजंद अली ने कोर्ट का नोटिस स्वीकार कर लिया है। और जवाब देने के लिए समय की मांग की है। जिस ओर कोर्ट ने 9 अप्रैल तक का समय राज्यसरकार को दिया है।