मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पिछले कुछ महीनों से सुर्खियों में बने हुए हैं। सबसे पहले उन पर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे। जिसके बाद उन्होंने टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क जैसे कई चैनलों का नाम घसीटने की कोशिश की। जिसके चलते उनके ऊपर कई इल्जाम लगाए गए। यहां तक की पुलिसकर्मियों के बीच भी उन्हें लेकर असहमति देखने को मिली।
अब मुंबई हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद उनकी परेशानी और बढ़ गई हैं। बता दे कि टीआरपी स्कैम में शिकायतकर्ता हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के कुछ अधिकारियों ने मुंबई हाई कोर्ट में मुंबई पुलिस के खिलाफ याचिका दायर की है। इस याचिका के चलते अब हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, परमबीर सिंह और अन्य पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगा है।
पुलिस पर लगाए उत्पीड़न के आरोप
We read today that Hansa Group who complainant in the TRP case,filed a Wpetition against Parambir Singh,& the State of Maharashtra.The charges states that the MumPolice tried to pressurise them to implicate Republic. Hansa Research has now sought a CBI probe into the TRP case.*
— Fight 4 Jiah (@JiahKhanJustice) November 6, 2020
बता दें कि पिछले कुछ समय से परमबीर सिंह की एक टीम टीआरपी मामले की जांच कर रही है। हंसा ग्रुप के तीन अधिकारियों ने दर्ज की गई याचिका में पुलिस के ऊपर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मुंबई गैर कानूनी और आपत्तिजनक तरीके से इस मामले की जांच कर रही है। मुंबई पुलिस ने ग्रुप के कई अधिकारियों पर गलत बयान देने के लिए दबाव बनाया है।
ऐसा ना करने पर उन्हें धमकियां दी जा रही है और बहुत परेशान किया जा रहा है। अधिकारियों ने अपनी याचिका में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की भी मांग की है। उनका कहना है कि मुंबई पुलिस के इस रवैए के बाद उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है। इसीलिए इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया जाना चाहिए।
मुंबई पुलिस ने नहीं बनाया दबाव
Republic TV making TRP Scam FIR a "media spectacle", Article 19(1)(a) cannot be a shield against commission of crime: Mumbai Police to Supreme Court
[READ] – https://t.co/8WnBvY1fJC #ArnabGoswami #RepublicTV @MumbaiPolice #ParambirSingh pic.twitter.com/qRpcUwZPfW
— Bar & Bench (@barandbench) October 15, 2020
हंसा ग्रुप द्वारा दायर की गई याचिका में पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के साथ सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे और सहायक पुलिस आयुक्त शशांक संदभोर का भी नाम लिया गया है। इस मामले में परमबीर सिंह के वकील का कहना है कि पुलिस ने अधिकारियों पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया है। और उन्हें कानूनी तरीके से ही नियत समय पर पूछताछ के लिए बुलाया जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई पुलिस इस मामले की तह तक जाकर इसकी जांच कर रही है। हालांकि पुलिस के पास अभी कोई अहम जानकारी नहीं है। लेकिन पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द इस मामले को सुलझा दे।
शिकायतकर्ता को इस तरह पूछताछ के लिए ना बुलाएं
Dis is d new strategy seems to suppress d voice of the ppl who speak n shows d truth.Rather den wrkng on TV trp case better find d criminals in SSR case n give him justice.we know d truth parambir singh.v know why all dis is been done. #RepublicTV #RepublicBharat #ArnabkGoswami pic.twitter.com/sT5ok2iO9W
— Justice for Sushant (@SapnaSh67275412) October 8, 2020
बता दें कि हंसा रिसर्च ग्रुप ऑफ प्राइवेट लिमिटेड ने टीआरपी मामले में शिकायत दर्ज करवाई थी। ऐसे में मुंबई पुलिस का कंपनी के अधिकारियों पर दबाव बनाना कोर्ट को सही नहीं लगा। कोर्ट का आदेश है कि, शिकायतकर्ताओं को आरोपी की तरह बार बार पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जाना चाहिए। मुंबई पुलिस को हर एंगल से जांच करने की आजादी है। लेकिन उन्हें शिकायतकर्ता से पूछताछ करनी है तो नियत समय पर उन्हें बुलाया जाए।