22 साल के युवक ने किया था 16 साल की बच्ची के साथ गंदा काम, हाईकोर्ट ने आरोपी को किया बाइज्जत बरी
कलकत्ता हाईकोर्ट में 22 साल के युवक पर साढ़े 16 साल की बच्ची के साथ गंदा काम करने का मुकदमा चल रहा था। इस पर कोर्ट ने शारीरिक सम्बंध बनाने के मुद्दे पर एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। इसमें कहा गया है कि सहमति से बने सम्बंधों को आरोपों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, जिसके बाद युवक को दोषमुक्त करार दे कर उसे रिहा कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्वेच्छा से बनाये गए सम्बंध प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस एक्ट यानी की पॉक्सो 2012 के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आते। यदि सम्बंध लड़का और लड़की की रजामंदी से बने तो इसमें पुरुषों को सिर्फ इसलिए दोषी नहीं माना जा सकता क्योंकि उसके शरीर की बनावट अलग है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि पॉक्सो का कानून का काम बच्चियों के साथ हो रहे गंदे काम को रोकने के लिए है। नाकि इस एक्ट का इस्तेमाल कर जबरन शादी करवाई जाए। बता दें इस मामले में निचली अदालत ने युवक को दोषी माना था, और उसे पॉक्सो के तहत ही सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद युवक ने हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी।