CBI, NCB और ED के बाद अब हो सकती है सुशान्त केस में NIA की एंट्री, इस वजह से हुआ खुलासा
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस में सेंट्रल ब्युर ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) मामले की जांच कर रही है। मगर सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में NIA यानी केंद्रीय जांच एजेंसी की भी एंट्री हो सकती है। गौरतलब है कि बीते दिनों बॉलीवुड से जुड़े ड्रग मामलों में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए थे। जिसके बाद इस पूरे मामले में NIA को जांच की मंजूरी मिल गयी है। सरकार के बड़े अधिकारियों ने मीडिया सूत्रों से बात करते हुए बताया कि ड्रग मामला ही इस केस को NIA को देने की वजह है। बता दें अनुमन राष्ट्रीय जांच एजेंसी आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच का काम करती है।
दरअसल वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने कल यानी मंगलवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि धारा 53 द नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के अनुसार, केंद्र राज्यों के साथ परामर्श करने के बाद ”एनआईए में निरीक्षकों के रैंक से ऊपर के अधिकारियों को शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का पालन करने के लिए आमंत्रित करता है।”
NIA Act schedule does not allow it to probe NDPS offences but only narco terror (covered under NIA powers to probe UAPA cases). So, if drugs were recovered by NIA earlier, it was required to call in state police to seize them. Now NIA can do this without involving the police https://t.co/scI4GgLTMd
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) September 23, 2020
गौरतलब है कि यह धारा सरकार के किसी भी अधिकारी को इस अधिनियम के तहत जांच करने के लिए एक पुलिस स्टेशन के बराबर शक्तियां प्रदान करता है। बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी की स्थापना मुम्बई बम धमाकों के बाद 2008 में कई गयी थी। शुरुआत में इसका गठन बस एक साल के लिए ही किया गया था, जिनका लक्ष्य देश भर में चल रही आतंकवादी गतिविधियों पर ध्यान रखना था। मगर पिछले साल NIA अधिनियम में कुछ संशोधन किए गए थे। जिसके बाद एजेंसी को मानव तस्करी, जाली नोट और साइबर आतंकवाद से संबंधित मामलों में भी जांच करने का आदेश दिया गया था।अभी तक एजेंसी को ड्रग्स संबंधित मामलों में जांच के आदेश नहीं थे। मगर मंगलवार को यह अधिकार भी मिल गया।
सरकार के बड़े अधिकारी ने मीडिया सूत्रों को बताया कि इस आदेश के आने के बाद अब सुशांत सिंह राजपूत के केस का दायरा बढ़ाया जा सकता है। ड्रग्स, मनी लॉन्ड्रिंग, और हत्या के बाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा भी उभर कर साममे आ रहा है।