बड़ी ख़बर : संसद भवन कैंटीन से सब्सीडी हटाई, 3 गुना महंगी होगी अब सांसदों की थाली, यह है नए दाम
संसद की कैंटीन, जो अब बहुत कम लागत पर भोजन प्रदान करती है, अब भोजन पर दी जा रही माननीयों की सब्सिडी को समाप्त कर देने का निर्णय ले चुकी है। यह कैंटीन अब ITDC द्वारा चलाई जाएगी और 27 जनवरी से शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह की 58 वस्तुओं की पेशकश करेगी। लेकिन नया मेनू बाजार दर पर है और इसे सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि, संसद कैंटीन में परोसा जाने वाला भोजन अब अधिक दर पर दिया जाएगा क्योंकि अब इसमें लगी सब्सिडी को हटा लिया गया है। चूंकि संसद की कैंटीन में भोजन इतने कम दामों ओर दिया जाता था जिससे कई बार लोग इस भेदभाव के खिलाफ अपनी आवजः उठाते थे। कई लोगों ने आपत्ति जताई की देश के नागरिकों के टैक्स से नेता बिरयानी का आंनद लेते हैं।
The mini thali will cost Rs 50 which carries "mix veg dry, bhaji, dal sultani, jeera pulao, chapati, green salad, cucumber mint raita and papad."
The new menu will be from today (Wednesday).#parliamentcanteen #Parliament pic.twitter.com/zAIdMD4G5w
— IANS (@ians_india) January 27, 2021
इस बीच इस घोषणा के बाद कैंटीन का नया मेनू जारी किया गया है जिसमें स्पष्ट रूप से बिना किसी सब्सिडी के भोजन की दरें हैं। जबकि शाकाहारी बिरयानी की कीमत 50 है, जबकि चिकन बिरयानी की कीमत 100 होगी। शाकाहारी थाली अब 100 रुपये के दाम में मिलेगी, तो वहीं मटन बिरयानी के लिए सांसदों को 150 रुपये चुकाने पड़ेंगे।
नए मेनू में कीमतें पुरानी की तुलना में बहुत अधिक हैं। जबकि चिकन बिरयानी की कीमत मौजूदा दर से 30 रुपये अधिक होगी और इसके मटन भाग की कीमत मौजूदा डर से 50 रुपये अधिक होगी। यहां तक कि हरी सलाद की एक छोटी प्लेट जो पहले 10 रुपये में मिल जाती थी, अब उसके लिए 25 रुपये चुकाने होंगे।
Here is the menu card and the items along with charges for food available in the Parliament canteen…The canteen is now to be run by #ITDC@LokSabhaSectt shares the circular…
As reported earlier that @loksabhaspeaker announced all subsidy on food in Parliament stands withdrawm pic.twitter.com/1wHZK5PWGj— 🦏 Payal M/પાયલ મેહતા/ पायल मेहता/ পাযেল মেহতা (@payalmehta100) January 25, 2021
बता दें उत्तर रेलवे 1968 से कैंटीन में भोजन परोस रहा है। लेकिन पिछले साल, उत्तरी रेलवे के साथ संसद कैंटीन का अनुबंध रद्द कर दिया गया था। अधिकारियों की माने तो इससे देश को काफी नुकसान हो रहा था वहीं मैन्यू में भी कोई नयापन नहीं था जिसके कारण यह अनुबंध हटा लिया गया है।
एक सामान्य सत्र के दौरान रिपोर्टों के अनुसार, हर दिन संसद में औसतन 4,500 लोग भोजन करते हैं। जबकि सालाना अगर देखा जाए तो 17 करोड़ वार्षिक सब्सिडी में से केवल 24 लाख सांसदों पर खर्च किया जाता है। बाकी सुरक्षा कर्मियों, अधिकारियों, यहां तक कि आगंतुकों के लिए भी इस सब्सिडी का उपयोग किया जाता है।
कई सांसदों के अनुसार “यह एक अच्छा कदम है और यह इस भ्रांति को दूर करने में मदद करेगा कि हम, कानूनविद्, संसद में सब्सिडी वाला भोजन खाते हैं।”
𝗜𝗔𝗡𝗦 𝗦𝗽𝗲𝗰𝗶𝗮𝗹
Taking over the reins of the #Parliament canteen and ending the 52-year legacy of Northern Railways, the ITDC will serve food cooked by expert chefs of the five-star Ashok Hotel to the MPs and others from the upcoming #Budget Session.#parliamentcanteen pic.twitter.com/xyISHBY5Ty
— IANS (@ians_india) January 27, 2021
रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा सचिवालय सालाना 8 करोड़ रुपये से अधिक की बचत कर सकता है। पार्लियामेंट की कैंटीन पिछले 52 सालों से उत्तर रेलवे द्वारा चलाई जा रही थी, जिसके अधिकारियों का कहना था कि संसद के खानपान से मिलने वाला सालाना राजस्व 15 रुपये से 18 करोड़ रुपये है। उत्तर रेलवे को भोजन के लिए जो भी लागत आएगी, उसका भुगतान किया जाएगा।