अर्नब गोस्वामी के लिए बनाए गए थे अलग कानून, 41 दिनों से जेल में बंद मीडियाकर्मी के परिवार ने उठाए सवाल
पिछले दिनों रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। बता दें कि एक पुराने इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या के केस मे गिरफ्तार हुए अर्णब गोस्वामी केवल 7 दिन के अंदर ही जेल से बाहर आ गए हैं। बाहर आने के बाद उन्होंने कहा है कि, सच और मीडिया में बहुत पॉवर होती है उसी पॉवर की वजह से आज वह बाहर आए हैं।
लेकिन दूसरी ओर एक और मीडियाकर्मी हैं जिसके लिए यह पॉवर काम नहीं आई है। बता दे कि मलयालम न्यूज वेबसाइट Azhimukham में कार्यरत जर्नलिस्ट सिद्दकी कप्पन पिछले 41 दिनों से यूपी के मथुरा जेल में बंद हैं। वह हाथरस केस को कवर करने के लिए अपने कुछ साथियों के साथ हाथरस जा रहे थे। वहीं पर पुलिस ने उन पर राजद्रोह और लोगों के बीच धर्म को लेकर फूट डालने और दंगा करने की साजिश को लेकर गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद से ही उनका पूरा परिवार उनकी जमानत का इंतजार कर रहा है। अर्णब गोस्वामी की जमानत के बाद उनकी पत्नी ने कई सवाल उठाएं है।
क्या देश के नागरिक नहीं है
“Why Arnab Goswami has personal liberty but Siddique Kappan does not” could be the title of a Bertolt Brecht play about India’s democracy at its darkest and most absurd. #siddiquekappan pic.twitter.com/zH4HJH18EJ
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) November 17, 2020
बता दे कि कप्पन दिल्ली में रहकर काम करते थे वहीं उनका परिवार केरल के मल्लापुरम में रहता है। कप्पन की जमानत ना होने पर उनका परिवार बहुत निराश हैं। परिवार का कहना है कि, उनके लिए यह बहुत दर्दनाक और लंबा इंतजार है। अर्णब गोस्वामी के इस तरह 7 दिनों में ही जेल से बाहर आ जाने के बाद कप्पन की पत्नी रेहाना ने कई सवाल खड़े किए हैं। रेहाना का कहना है कि, जब उन्हें पता चला कि अर्णब गोस्वामी जेल से बाहर आ गए हैं।
(Kerala Journalist Siddique Kappan's case)#SupremeCourt bench led by CJI SA Bobde to hear plea seeking release of Kappan from UP jail. The scribe was arrested while he was on his way to cover the #HathrasCase
Petitioner org states Kappan was denied meeting with lawyers pic.twitter.com/Jh8RaklV87
— Bar & Bench (@barandbench) November 16, 2020
तब उन्हें समझ आया कि उनके पति के साथ कितना गलत किया जा रहा है। क्या उनके पति देश के नागरिक नहीं हैं। क्या उनके कुछ निजी अधिकार नहीं है जिसकी रक्षा कोर्ट को करनी चाहिए। रेहाना ने आगे बताया कि, उनके पति की गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार में से किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने हर स्तर पर कोर्ट से गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी उनकी एक नहीं सुनी।
सबके लिए अलग-अलग है कानून
रेहाना का कहना है कि, उन्हें अब भी अपने पति के लिए न्याय का इंतजार है। लेकिन अब उन्हें लगता है कि देश में सबके लिए अलग-अलग कानून है। अर्णब गोस्वामी के लिए देश के कानून में इतनी जल्दी फैसला ले लिया। लेकिन जब उन्होंने न्यायपालिका से गुहार लगाई तो उन्हें कोई मदद नहीं दी गई। इसीलिए उन्हें लगने लगा है कि यहां पर अब बराबरी से किसी को न्याय नहीं मिलता है। उन्होंने आगे अपने पति पर लगे सारे इल्जाम झूठे और आधारहीन बताएं। उनका कहना है कि उनके पति के पास तो हाथरस जाने की भी पैसे नहीं थे।
Journalist Siddique Kappan has been unjustly since October 5, 2020.
He should be released immediately.https://t.co/LMmqF2W7LW#PressFreedom #India #JournalismIsNotACrime #UttarPradesh pic.twitter.com/nMGVasQh6k
— CPJ Asia (@CPJAsia) November 11, 2020
किसी तरह वह अपने दोस्तों के साथ न्यूज़ कवर करने के लिए हाथरस जा रहे थे। जहां पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। रेहाना ने आगे कहा कि, उन्होंने बहुत से राजनेताओं से भी मदद मांगी है लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की है। वह बहुत टूट चुकी है लेकिन अपने तीनों बच्चों के लिए वह यह जंग जारी रखेंगी। बता दें कि छह अक्टूबर को केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) की ओर से मामले में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई है।