सुशांत सिंह राजपूत की मौत का सदमा उनके परिवार के साथ साथ उनके फैंस को भी लगा है। साथ ही बॉलीवुड में भी कुछ लोगों ने इस मामले में अपनी राय रखी और सीबीआई जांच की मांग की।इसमें अंकिता लोखंडे,कंगना रनौत के साथ साथ शेखर सुमन भी शामिल है। हाल ही में शेखर सुमन ने मीडिया से बातचीत की। बातचीत के दौरान वे रिया चक्रवर्ती पर भड़कते हुए नजर आए।
जब शेखर सुमन से ये पूछा गया कि रिया ने इंटरव्यू में सुशांत को बदनाम करने की कोशिश की थी, अब रिया के भाई ने कहा कि वह ड्रग्स मंगवाती थीं, अब आप क्या कहेंगे? इस बात के जवाब में शेखर सुमन ने रिया पर निशाना साधते हुए कहा कि,’ रिया के पास कहने के लिए क्या रहा गया है, हिंदोस्तान यह सुनना चाहता है कि क्या अब वे अपने भाई को भी झुठलाएंगी? अपने परिवार को भी झुठलाएंगी? कितने शर्म की बात है कि पूरा का पूरा परिवार लिप्त था ड्रग्स में, इसकी तस्करी में, इसका बिजनेस कर रहा था। इसके सारे सबूत सामने आ चुके हैं। जब उन्होंने सपाट चेहरा बनाकर प्रायोजित इंटरव्यू में कहा कि मैं ड्रग्स लेती नहीं थी, मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहती। तब से ही रिया के झूठ की शुरुआत हो गई थी।’
शेखर सुमन ने फिर कहा कि पहले तो वो इस बारे में बात करने से थोड़ा डर रहे थे क्यूंकि रिया सारी बातें इतने भावुक होकर कह रही थीं।लेकिन जैसे ही सुशांत का नाम सामने आया रिया ने आगे बढ़कर कह दिया कि वो तो नशेड़ी था, वो तो गंजेड़ी था, वो तो चरसी था, जैसे संगीन आरोप उनपर लगाए। मान लीजिए अगर वो ड्रग्स लेते थे, फिर भी रिया उनसे प्यार करती थी तो उन्हे बचातीं या फिर रिया ये कह सकती थीं कि जो चला गया मैं उसके बारे में कोई बात नहीं करना चाहती। उसके विपरीत रिया ने इतने सारे आरोप उनपर लगा दिए।उनके पिता, बहनें, जीजा और परिवार पर भी आरोप लगाए।
इसके बाद शेखर सुमन से पूछा गया कि फांसी पर लटके हुए सुशांत की कोई फोटो नहीं थी तो ये आत्महत्या की थ्योरी पैदा कहां हुई इस पर आपकी क्या राय है? जिसके जवाब में शेखर सुमन ने कहा कि ‘यहां जितने मास्टर माइंड हैं उन्होंने ही रची है ये थ्योरी, जब इतना बड़ा गुनाह हो रहा था तो आसान तरीका यही है कि कह दें सुसाइड है।बात दफन हो जाती। बहुत सारी बातें मैंने उठाई हैं, सुशांत सिम क्यों बदल रहा था? उसने सुसाइड नोट क्यों नहीं लिखा था? उसकी फांसी पर लटकती हुई तस्वीर किसी ने नहीं ली? क्या इतने लोगों में किसी की समझ नहीं आया कि एक तस्वीर लेनी बहुत जरूरी है? क्योंकि वह इस बात को अलग अंजाम देना चाहते थे।जो लोग बहुत करीबी घेरे में थे, जिन्होंने ये चक्रव्यूह रचा था पुलिस को शुरू में ही इन्हें गिरफ्त में लेना चाहिए था।लेकिन ये तो भागे फिर रहे थे।जो लोग सुशांत के लिए काम कर रहे थे, अब जो लोग बोल रहे हैं और सुशांत के खास बने हूए हैं लेकिन उन्होंने तो घर के अंदर रहकर ही सेंध लगा दी।उसके बाद कई सबूत निकलते गये।चाबी वाला कहां था उसकी जांच काफी दिनों के बाद हुई, बॉडी उतारने 3-4 लोग थे।हम CCTV फुटेज की मांग कर रहे थे। लेकिन सच यह है कि अब इन लोगों का खेल खत्म हो गया है।
इस मामले में शेखर सुमन ने पहले भी खुलकर बात की है।वह लगातार सुशांत को न्याय दिलाने की मुहिम में सुशांत के फैंस के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। शेखर सुमन सुमन सुशांत सिंह राजपूत के परिवार से मिलने उनके घर पटना भी गए थे।