अर्जुन कपूर इन दिनों एक बार फिर अपनी फिल्म ‘सरदार का ग्रैंडसन’ ले कर दर्शकों के मध्य आ चुके हैं। इसके लिए अर्जुन कपूर इन दिनों वर्चुअल माध्यम से फ़िल्म का प्रमोशन कर रहे हैं। इन्हीं प्रमोशन की वजह से वे कई जगह इंटरव्यू भी दे रहे हैं। ऐसे ही एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि आपके सपने सच होने के पीछे किसका हाथ है। तो इसके जवाब में अर्जुन कपूर ने बड़ी मासूमियत से अपने इस सफल सफर का श्रेय अपनी बहन अंशुला को दिया। एक्टर अर्जुन कपूर के अनुसार उनकी बहन अंशुला ने उनके लिए काफी त्याग किये हैं। अर्जुन बताते हैं कि जब वे फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त होते थे उस वक्त उनकी बहन ही घर संभाला करती थी। यह उनके आपस की बात थी।
View this post on Instagram
अपने इस इंटरव्यू में अर्जुन ने यह भी बताया कि बचपन से ही उनकी बहन और उनमें त्याग की एक भावना थी, जिसे वे दोनों ही काफी समय सारः करते आ रहे थे। हम दोनों की खासियत यह है कि हम पहले स्थिति को समझते हैं और फिर उस पर काम करते हैं। वो अमेरिका में अपना कोर्स पूरा कर रही थी, उसने वहां से डिग्री हासिल की और फिर भारत लौट आई ताकि मुझे अकेलापन महसूस ना हो। उसने अपनी लाइफ के साथ साथ मेरी लाइफ को भी संभाला। मैं काम पर जाता था तब वो घर को संभाला करती थी।
View this post on Instagram
अर्जुन कपूर के अनुसार जब बच्चो के आसपास माँ बाप नहीं होते हैं तब उन्हें काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। वे वक्त के पहले बड़े हो जाते हैं, उन्हें समझदार होना पड़ता है। एक बच्चे को अपने कंधे पर पूरा भार उठाना पड़ता है ताकि दूसरा निश्चित हो सके। एक को हर त्याग करना पड़ता है ताकि दूसरा गैरजिम्मेदाराना तरीके से दुनिया देख सके। मेरा एक्टिंग फील्ड में होना और ज़्यादातर समय घर से बाहर बिताना बहन अंशुला को और जिम्मेदार बनाता था। इसलिए मुझे लगता है कि उसने काफी त्याग किये हैं।
View this post on Instagram
अपनी निजी जिंदगी के अनुभवों को साझा करते हुए अर्जुन कपूर ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया कि एक समय ऐसा था जब वे खुद की परेशानियों से भाग रहे थे। अर्जुन के अनुसार मैं हमेशा परेशानियों से भागा हूँ। जब मेरी माँ ने अपनी आखरी सांसे ले ली थी उस दौरान में अक्सर घर पर नहीं रहता यहां, मुझे पता था कि अगर मैं उस वक्त घर पर रहा तो बौखला जाऊंगा। इसलिए मैंने उस समय एक साथ 6 फिल्में साइन कर ली। मैं उस वक्त खुद को काम में व्यस्त रख कर खुद से पीछा छुड़ा रहा था।