दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का परिवार एम्स की फोरेंसिक रिपोर्ट से बिल्कुल खुश नहीं है। उनके पारिवारिक वकील से ले कर उनकी बहन तक ने इस रिपोर्ट ओर उंगली उठाई है, वहीं अब खबर आ रही है कि परिवार ने CBI को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने एम्स के निदेशक सुधीर गुप्ता के गैरपेशेवर रवैये को उजागर किया है। परिवार के अनुसार सुशांत की फोरेंसिक रिपोर्ट लीक होना एम्स के निदेशक की लापरवाही दर्शाती है।
इसके साथ ही परिवार ने यह मांग की, कि सुशांत की जांच निष्पक्ष ढंग से हो सके इसके लिए एक नए पैनल का गठन करना चाहिए। सुशांत के परिवार वालों ने अपना यह पत्र अधिवक्ता वरुण सिंह के हवाले से भेजा। इसके साथ ही इस पत्र में यह दावा भी किया गया कि अगर लीक हुई रिपोर्ट सही निकलती है तो यह पक्षतापूर्ण रिपोर्ट मानी जायेगी। क्योंकि यह निष्कर्ष अपर्याप्त साक्ष्य के आधार पर निकाला गया है।
Highly perturbed with AIIMS report. Going to request CBI Director to constitute a fresh Forensic team . How could AIIMS team give a conclusive report in the absence of the body,that too on such shoddy post mortem done by Cooper hospital wherein time of death also not mentioned .
— Vikas Singh (@vikassinghSrAdv) October 4, 2020
अधिवक्ता वरुण सिंह का कहना है कि “मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि एम्स ने जो रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी उसमें क्या है, यह रिपोर्ट 14 जून 2020 को हुई सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामले में सीबीआई के मत के संबंध में है। एम्स के जांच दल में शामिल कुछ डॉक्टरों को भी मैंने टीवी पर आकर उनके द्वारा की गई फोरेंसिक जांच पर बयान देते हुए सुना।”
वहीं सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील विकास सिंह कहना है कि उनके द्वारा उस रिपोर्ट की प्रतिलिपि कई बार डॉक्टर गुप्ता से मांगी गई, मगर उनकी तरफ से इस बारे में कोई जवाब नहीं आया।
This kind of U-Turn must be explained!! #SushantConspiracyExposed #SushantAIIMSTape https://t.co/YnCgfeELTu
— Shweta Singh Kirti (@shwetasinghkirt) October 5, 2020
परिवार ने दावा किया है कि एम्स की तरफ के कोई भी जांच नहीं की गई, बल्कि यह शुरुआत में हुई कूपर हॉस्पिटल की जांच और ही अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसके अलावा परिवार का यह भी कहना है कि इस पूरे मामले में बार-बार डॉ गुप्ता मीडिया में इंटरव्यू दे रहे हैं, जो कि एक तरह की संवेदन हीनता दर्शाती है। पत्र में यह आरोप भी लगाया गया कि डॉ. सुधीर गुप्ता का रवैया काफी अनैतिकता पूर्ण है, साथ ही कहा गया कि वे पेशेवर नहीं है जिससे मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के दिशा निर्देशों का उल्लंघन होता है।
पत्र में यह आरोप भी लागये गए कि, “रिपोर्ट में सुशांत के उस पैर का भी जिक्र नहीं है जो की फ्रैक्चर हुआ था। इस तरह की कई विसंगतियां रिपोर्ट में हैं जो सावधानीपूर्वक की गई फोरेंसिक जांच में सामने आती लेकिन एम्स की टीम ने इस पर ध्यान नहीं दिया जैसा कि एक डॉक्टर द्वारा टीवी चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में बताया गया था।”